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नियति

जब कोई काम आपके दो तीन अथक प्रयासों के बावजूद नहीं होता तो इसे अपनी नियति पर छोड़ देना चाहिए । उसके लिए प्रयास जारी रखें परन्तु उसके लिए व्यथित न हों और व्यतीत भी न हों ।
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शक्सियत

सुलझी हुई सी शक्सियत समझते हैं लोग मुझे, मगर कोई जानता नहीं कि, उलझा सा मुझमें कोई और भी रहता है ।

"जलसा"

कुछ चिल्मने, मोमबत्तियां, सिलवटो वाले पर्दे और कुछ दरीयां, कुछ हुक्के, कुछ शाराबे  कुछ पान और कुछ पीकदान, कुछ सुपारी के टुकड़े,  और कुछ सफेद चादर बिछाए गद्दे कुछ गज़ल की किताबें,  कुछ सलीके से साफ किए रोशनदान इंतजाम तमाम किए थे जलसे के मेज़बान ने, बस हुआ यूं की मेहमान ना आए

मेरी बगिया के पौधे

मेरी बालकनी गार्डन के पौधे 1 पान 2. तिलक तुलसी 3. पत्थरच्टा 4 मोर पंख