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शक्सियत

सुलझी हुई सी शक्सियत समझते हैं लोग मुझे, मगर कोई जानता नहीं कि, उलझा सा मुझमें कोई और भी रहता है ।
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"जलसा"

कुछ चिल्मने, मोमबत्तियां, सिलवटो वाले पर्दे और कुछ दरीयां, कुछ हुक्के, कुछ शाराबे  कुछ पान और कुछ पीकदान, कुछ सुपारी के टुकड़े,  और कुछ सफेद चादर बिछाए गद्दे कुछ गज़ल की किताबें,  कुछ सलीके से साफ किए रोशनदान इंतजाम तमाम किए थे जलसे के मेज़बान ने, बस हुआ यूं की मेहमान ना आए

मेरी बगिया के पौधे

मेरी बालकनी गार्डन के पौधे 1 पान 2. तिलक तुलसी 3. पत्थरच्टा 4 मोर पंख

Flowers in my Balcony Garden